कुमार विश्वास ने ट्वीट किया:
जो बसेरा है अपनी रातों का ,सब उसे आसमान कहते हैं.
छत पे बारिश ने रात काटी है ,गीले-गीले निशान कहते हैं.
मैंने कुछ और बढ़ा दिया:
जिधर देखो उधर बस अहबाब की भीड़ है,
तो अकेलापन केवल हम क्यों सहते हैं?
जो बसेरा है अपनी रातों का ,सब उसे आसमान कहते हैं.
छत पे बारिश ने रात काटी है ,गीले-गीले निशान कहते हैं.
मैंने कुछ और बढ़ा दिया:
जिधर देखो उधर बस अहबाब की भीड़ है,
तो अकेलापन केवल हम क्यों सहते हैं?