Friday, March 20, 2015

एक और शेर का मेरा जवाब

एक कवियत्री हरजिंदर कौर को कुमार विश्वास ने re-tweet किया:
पलकें बंद हुई तो जैसे धरती के उन्माद सो गये,
पलकें अगर उठी तो जैसे बिन बोले संवाद हो गये

और मेरा जवाब उनके लिए:
पलकों को झरोखों सा न इस्तेमाल कीजिए,
दिल की कहानी को जुबां से बयां कीजिए!!


Thursday, March 19, 2015

On Indian Cricket Teams Semi final entry

सात किया है नौ कर दे, अपने कप को लॉक कर दे!!