Saturday, November 03, 2018

दूर कहीं क्यों जाते हो?

तुम सर्वशक्ति तुम सार्वभौम,
तुम प्राण हृदय, तुम सब कुछ हो
तुम नारायण तुम भोले हो
तुम माँ दुर्गा तुम कण कण हो
पर कहाँ चले जाते हो तुम
जब सबसे अशक्त होते हम हैं
जब मृत्यु निकट होती अपनों की,
तुम विचरण को क्यूँ जाते हो?

गला गला कर व्रत रक्खा है
तुमको पूजा सहज भाव से,
तब छोड़ा जब अधर में हम हों
फिर ईश्वर क्या कहलाते हो?
दूर कहीं क्यों जाते हो?

 जिज्जी तुम बहुत याद आती हो बेटा 

Wednesday, June 20, 2018

हम तो केवल बंजारे हैं

कहने को हम बंजारे हैं,
फिर भी ठौर बदलना दुःख होता है -
फिर फिर कर ही राह बनायी,
मुड़ कर फिर भी दुःख होता है |
चलते रहने वालों का तो जहाँ थमे वो घर होता है -
छूटा हाथ चला जो संग में, छोड़ कर उसको दुःख होता है |
हम तो केवल बंजारे हैं, जहाँ थमे वो घर होता है |

Monday, April 30, 2018

एक और

हम ही छत हैं खम्भे भी, पर-
फर्श हमारी तुम ही हो|
जुड़ते पिटते खड़ा हुआ हूँ, पर-
हर्ष हमारी तुम ही हो ||

एक और सुनो

हमने पानी में लहर बनाई पर पत्थर भी फेंका है,
जलती लकड़ी में भी आखिर अपने ठण्ड को सेका है,
कुछ पाने को थोड़ा थोड़ा बहुत बड़ा कुछ छोड़ा है,
मेरी छाया मुझसे लम्बी, अपनी आँखों का धोखा है|

Sunday, April 15, 2018

एक और सुनो

नींद का सौदा कर के, बेचैनी खरीद ली है|
घुट घुट के जी रहा था, अब थोड़ी सी पी ली है ||

Friday, February 02, 2018

एक और उत्तर

कुमार विश्वास ने लिखा: “रूह ने मुझसे अकेले में कई बार कहा , जी लिए हो तो चलो जिस्म बदल कर आएँ..?

इस पर मेरा जवाब:

हमने सोचा चल खुदा से पूछ कर ये आएँ,
जिस्म थका है, कैसे अपने रूह को जगाएं?

Wednesday, January 17, 2018

डॉ कुमार विश्वास को मेरा शायराना जवाब

डॉ कुमार विश्वास ने लिखा:
ग़म में हूँ या हूँ शाद मुझे खुद पता नहीं,
मैं खुद को भी याद मुझे खुद पता नहीं.
मैं तुझको चाहता हूँ मगर माँगता नहीं,
मौला मेरी मुराद मुझे खुद पता नहीं !

मेरा जवाब:
बंद थी तेरी आँख, तुझे अब पता तो है, 
खाली रही फ़रियाद, तुझे अब पता तो है, 
कहीं सांप तो कहीं खंज़र थे आस्तीनों में, 
काज़ी ही था जल्लाद, तुझे अब पता तो है| 

Thursday, January 04, 2018

एक और सुनो

एक टुकड़ा था रोटी का जो मुँह में जाना था,
गिर गया किसी के हाथ से जो उसको खाना था |
अब झाडू से डरता हूँ, कूड़ा जो दिखता हूँ अब,
क्या याद किसी को होगा मैं गेहूँ का दाना था?