Tuesday, December 03, 2013

बहुत दिन बाद फिर एक शेर

बदलती हैं रातें बदलते हैं दिन भी,
पर ये चंदा वहीं है और तारे वहीं ही।
बस सपनो में होंगी बदलती सी चाहें,
खड़ा था जहाँ मैं, खड़ा हूँ वहीं ही।


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