डॉ कुमार विश्वास ने ट्वीट पर ये शायरी लिखी -
शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए,
सभी यहीं रह जाएंगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा?
मेरा जवाब भी सुन लें -
साथ कुछ न जायेगा, शोहरत रहे या न रहे।
कम से कम रहने से उसके इक छाप तो रह जाएगी।
शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए,
सभी यहीं रह जाएंगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा?
मेरा जवाब भी सुन लें -
साथ कुछ न जायेगा, शोहरत रहे या न रहे।
कम से कम रहने से उसके इक छाप तो रह जाएगी।