Friday, January 22, 2016
Wednesday, January 20, 2016
इक और सुन लो
सुबह की ज़रुरत पे सूरज उगा नहीं करता,
शाम के दौर से निकलो तो सवेरा मांगो!
A different perspective from my Sister:
सुबह की ज़रुरत पे सूरज उगा नहीं करता,
शाम के दौर से निकलो तो सवेरा मांगो!
A different perspective from my Sister:
सुबह की ज़रुरत पे सूरज उगा नहीं करता,
शाम के दौर से निकले तो सवेरा होगा!
Thursday, January 14, 2016
इक और सुनो
पतंग काटने मेरी जो छत पर चढ़े थे लोग,
हवा के रुख ने उन्हें उतरने पर मज़बूर किया।
ग़िला उन्हें हो या ना हो क्या जाता है?
सभी को उनके इरादों का पर सिला मिला॥
हवा के रुख ने उन्हें उतरने पर मज़बूर किया।
ग़िला उन्हें हो या ना हो क्या जाता है?
सभी को उनके इरादों का पर सिला मिला॥
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