ऐसा नहीं है सब लखनवी शायर ही होते हैं,
मिजाज़ बस ऐसा है जो शायराना लगता है |
मिलोगे उनको, तुम्हे लगेंगे बस अपने ही जैसे,
बस तल्लफ़ुज़ कुछ ऐसा है, याराना सा लगता है |
मिजाज़ बस ऐसा है जो शायराना लगता है |
मिलोगे उनको, तुम्हे लगेंगे बस अपने ही जैसे,
बस तल्लफ़ुज़ कुछ ऐसा है, याराना सा लगता है |