Monday, January 16, 2012

एक और शेर

छुआ जो आसमां तो बादल यूँ फट गए,
अरमान दिल के सब पानी में बह गए।
बूँद हज़ार बन फिर वो खो गए कहीं,
आँख के आंसू भी कहीं उसी में मिल गए।

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