Tuesday, June 15, 2021

एक और सुनो

कुछ तेरी नज़रों का फ़र्क़, कुछ ये शैदाई दौर है,
जिसे तू शद्दाई समझ बैठा, वो मैं नहीं कोई और है

 


Thursday, June 10, 2021

एक और सुनो

क्या उर्दू से झगड़ा, क्या हिंदी से प्रेम 

रंग है धरम  का, सब पोलिटिकल गेम 

भाषा को छोड़, परिभाषा में उलझ कर,

क्या मिलेगा हमें, जब हम सब हैं सेम?

Monday, June 07, 2021

एक और सुनो

आँसू से लिखें हैं रिश्तों की इबारत,
ख़ून से गाढ़ा है मेरे नज़र का पानी
सलाम उन्हें भी, भूल चुके हैं जो मुझको,
छोटी है, पढ़ लेना मेरी कहानी!