Tuesday, November 03, 2020

एक और सुनो

मेरी याद आये तो क़िताबों को चूम लेना,

पन्नो पर न सही, उनके बीच रहा करते थे!

कभी फूल, पत्ती, कभी कलम की निशानों पर,

मेरी तस्वीर न सही, तेरी यादों में बसा करते थे!!!