Monday, April 30, 2018

एक और

हम ही छत हैं खम्भे भी, पर-
फर्श हमारी तुम ही हो|
जुड़ते पिटते खड़ा हुआ हूँ, पर-
हर्ष हमारी तुम ही हो ||

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