Tuesday, August 24, 2021

इस बार कुछ अलग सा

कुछ बूढ़े हो चले पर, हम में भी कभी चार्म था 

मोस्ट्ली केयरिंग थे, पर कुछ कुछ कभी हार्म था 

हैफ़ेज़ार्ड सी ज़िन्दगी थी, फिर भी एक नॉर्म था 

घर अपना था फिर भी लगता एक डोर्म था 

दोस्तों के बियर के संग चाय मेरा वार्म था 

सोते अपने मर्ज़ी से थे पर जगाता अलार्म था 

अब मुस्कुराते हैं, कैसे थे कैसे हो चले हैं,

रोल छोटे छोटे सही, पर बड़ा बड़ा काम था 

 

No comments: